वाराणसी: नवम्बर तक एम्स को टक्कर देने लगेगा बीएचयू का आईएमएस
- निदेशक पद के लिए हुए इंटरव्यू में 12 उम्मीदवारों ने अपना पूरा जोर लगाया है. अब लिफाफे से जिसकी भी किस्मत खुले, लेकिन नवंबर तक संस्थान को स्थाई एवं बड़े ओहदे के लिए निदेशक की नियुक्ति की शत प्रतिशत संभावना जताई जा रही है.
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वाराणसी. नवम्बर तक बीएचयू का चिकित्सा विज्ञान संस्थान नई दिल्ली स्थित चिकित्सा के प्रमुख स्तंभ एम्स को टक्कर देने के लिए तैयार हो जाएगा. इसके लिए स्थायी निदेशक पद के लिए हुए इंटरव्यू में कुल 12 उम्मीदवारों की किस्मत लिफाफे में बंद कर दी गयी है. सोमवार को हुए इंटरव्यू में सात उम्मीदवारों ने आफ लाइन तो पांच ने आनलाइन इंटरव्यू दिया. लगभग छह घण्टे चले इंटरव्यू के बाद सभी 12 दावेदारों में से किसी एक हो ही चुना जाएगा. उम्मीद लगाई जा रही है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यकारिणी परिषद की अगली बैठक में निदेशक के नाम की घोषणा हो जाएगी. इंटरव्यू में मुख्य रूप से कुलपति प्रो. राकेश भटनागर व नीति आयोग के सदस्य एवं गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन डॉ. वीके पाल के अलावा देश के कई एक्सपर्ट भी मौजूद रहे.
नए निदेशक की नियुक्ति के साथ ही आईएमएस को एम्स के बराबर दर्जा मिलते ही पूर्वांचल व बिहार सहित कई इलाकों के लाखों मरीजों को बेहतर एवं कम खर्च की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी. इस बार निदेशक का चयन होने की पूरी संभावना है, क्योंकि इससे पूर्व 11 सितंबर को निदेशक पद के लिए साक्षात्कार में प्रशासन ने इसे एनएफएस घोषित कर दिया था. पिछली बार हुए इंटरव्यू में आठ उम्मीदवार संस्थान के और दो बाहरी थे, लेकिन इस बार आठ उम्मीदवार बाहर के शामिल हुए हैं.
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पीजीआई चंडीगढ़ के अलावा लखनऊ, सिलीगुड़ी, नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ व स्थानीय उम्मीदवारों में भगवंत राय मित्तल, डॉ संजय गंभीर, योगेश कुमार सरीन, हरीश मणिलाल पाठक, प्रदीप कुमार पात्रा, राममूर्ति शर्मा, सत्य नारायण संखवार, अमित रस्तोगी, अशोक कुमार, गोपाल नाथ, विश्वमोहन दयाल व विनोद कुमार दीक्षित शामिल हुए.
सभी उम्मीदवारों ने अपना पूरा जोर लगाया है अब लिफाफे से जिसकी भी किस्मत खुले, लेकिन नवंबर तक संस्थान को स्थाई एवं बड़े ओहदे के लिए निदेशक की नियुक्ति की शत प्रतिशत संभावना जताई जा रही है. नियुक्त होने वाले निदेशक का पद सीनियर प्रोफेसर का होगा, जो कुलपति के बाद सबसे बड़ा ओहदा होगा.
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