वाराणसी: बीएचयू बनेगा देश का पहला वैदिक काल पर शिक्षा देने वाला विश्वविद्यालय

Smart News Team, Last updated: Thu, 29th Oct 2020, 6:49 PM IST
  • वैदिक योग और वैदिक विज्ञान व प्रौद्योगिकी मैं स्नातक वाह परास्नातक कक्षाएं संचालित कर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय बनने की राह पर चल पड़ा है.
बीएचयू में चालू होगी वैदिक शिक्षा

वाराणसी. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र के समन्वयक प्रोफेसर उपेंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि वेद हमारे देश के आध्यात्मिक चिंतन, मंत्र, श्लोक, साहित्य, संस्कृति या विज्ञान तक ही सीमित नहीं है यह प्रौद्योगिकी यानी टेक्नोलॉजी में भी वैदिक शिक्षा का विशेष महत्व है. वेदों में कल्पसूत्र के चार अंग श्रौत सूत्र, ग्रहा सूत्र, धर्मसूत्र और शुल्व सूत्र बताए गए हैं जो पूरी तरह गणित विज्ञान व प्रौद्योगिकी के प्रयोगों पर आधारित हैं. इसी तथ्य को ध्यान में रखकर बीएचयू ने वैदिक योग और वैदिक विज्ञान व प्रौद्योगिकी में स्नातक व परास्नातक शिक्षा की कक्षाएं संचालित करने का निर्णय लिया है.

उन्होंने बताया कि आगामी 4 नवंबर को होने वाली विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में इस शिक्षा को मंजूरी मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि वैदिक विज्ञान के अंतर्गत धातु विज्ञान विमान विद्या नौका शास्त्र और वस्त्र उद्योग पर शोध किए जाएंगे. बताया कि स्नातक पाठ्यक्रम में प्राचीन ज्ञान विज्ञान योग मुद्राओं और प्राच्य खेलो द्वारा होने वाले स्वास्थ्य लाभ के आधार पर तैयार किया गया है.

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 जबकि वैदिक प्रौद्योगिकी में मंत्री तांत्रिक और यांत्रिक समेत धातु विज्ञान विमान विद्या नौका शास्त्र और वस्त्र उद्योग आदि क्षेत्रों में परास्नातक के छात्र शोध और अनुसंधान करेंगे. जैसे कि पारे या अन्य रसायनों से सोना बनाने अथवा सूर्य विज्ञान की विद्या या फिर पंचगव्य से उर्वरक भस्म से जैविक खाद अथवा औषधियों से जल शोधन इन सब प्राच्य विधाओं पर वैदिक विज्ञान की नई प्रयोगशाला में काम होगा.

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