Dev Diwali 2021: क्यों मनाते है देव दीपावली, क्या है महत्व और शुभ मुहुर्त, जानें

Anurag Gupta1, Last updated: Sat, 13th Nov 2021, 9:13 AM IST
  • देव दीपावली 18 नवंबर को मनाई जाएगी. दिवाली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन देव दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. पूजा अवधि का 2 घंटे 38 मिनट का समय है. इस दिन गंगा स्नान का खास महत्व है.
देव दीपावली (फाइल फोटो)

आस्था के महापर्व में दीपावली छठ के बाद देव दीपावली मनाया जाता है. दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन देव दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल 18 नवंबर के देव दिवाली मनाई जाएगी. यूं तो इस त्योहार को राज्य हर्षोल्लास से मनाते है लेकिन यूपी के बनारस के तटों इसको और शानदार तरीके से मनाया जाता है. इस गंगा नदी के तटों को दीपों से सजाकर रोशन किया जाता है.

क्या है देव दीपावली की कहानियां:

इस दिन शंकर भगवान ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था. इसी खुशी में देवाओं ने इस दिन स्वर्ग लोक में दीपक जलाकर जश्न मनाया था. इसके बाद से हर साल इस दिन को देव दिवाली के रुप में मनाया जाता है. इस दिन पूजा का विशेष महत्व होता है. इस त्योहार को लेकर यह भी मान्यता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर आते हैं. इस माह में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्वों को प्रमाणित किया है. जिस वजह से कार्तिक पूर्णिमा के पूरे महीने को काफी पवित्र माना जाता है.

Lunar Eclipse: इन राशियों को मालामाल करेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, आर्थिक समस्याएं होंगी दूर

क्या है शुभ मुहुर्त:

पूर्णिमा तिथि- 18 नवंबर से शुरू होकर 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार दोपहर 02 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी.

प्रदोष काल मुहूर्त: 18 नवंबर 2021 सायं 05 बजकर 09 मिनट से 07 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी.

पूजा अवधि: 2 घंटे 38 मिनट

क्या होता है महत्व:

देव दीपावली के दिन स्नान करने का बहुत महत्व होता है. इस दिन गंगा स्नान की काफी मान्यता होती है. इस दिन घरों में तुलसी का दीपक जलाया जाता है जो बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि जो इस दिन पूरब की तरफ मुंह करके दीपक जलाता है उन पर ईश्वर की कृपा होती है. मान्यता ये भी है इस दिन दीये दान करने वालों को ईश्वर लंबी आयु का वरदान देते हैं. साथ ही उनके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें