Dev Deepawali 2021: दिवाली के बाद क्यों मनाई जाती है देव दीपावली, क्या है धार्मिक महत्व और पूजा विधि

Pallawi Kumari, Last updated: Thu, 11th Nov 2021, 8:48 AM IST
  • कार्तिक मास की पूर्णिमा और दिवाली के 15 दिन बाद देव दीपावली (Dev Deepawali) का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस साल देव दीपावली 18 नवंबर के दिन मनाई जाएगी. देव दीपावली के दिन भी दिवाली की ही तरह खास पूजा पाठ किए जाते हैं.
कार्तिक पूर्णिका के दिन देव दीपावली.

देव दीपावली का त्योहार दिवाली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवी देवता पृ्थ्वी पर आते हैं और दीवाली मनाते हैं. गंगा नदी घाट को इस दिन दीपों से सजाया जाता है. क्यों ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन सभी देवी देवता गंगा नदी तट पर पवित्र स्नान करने पृथ्वी पर आते हैं. इसलिए गंगा नदीं का पूरा घाट देवी देवताओं के आगमन और स्वागत के लिए दीपों से सुसज्जित किया जाता है. 

आइये इस खबर में विस्तार से जानते हैं कि देव दीपावली का धार्मिक महत्व क्या है और दिवाली के 15 दिन बाद इसे क्यों मनाया जाता है. साथ ही जानते हैं देव दीपावली की पूजा विधि और नियमों के बारे में.

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क्या है देव दीपावली का महत्व- देव दीपावली को लेकर धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्मिमा के दिन गंगा–यमुना नदी में स्नान करना चाहिए. कार्तिक पूर्णिमा में नदी में स्नान कने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को उसके पापों से मुक्ति मिलती है. यही कारण है कि इस दिन सुबह से ही नदी घाट में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है. साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा और व्रत करन का भी विधान है.कार्तिक पुर्णिमा के दिन ही तुलसी विवाह के समारोह का समापन भी होता है. माना जाता है कि देव दीपावली के बाद से ही विवाह आदि जैसे सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं.

देव दीपावली पूजा विधि- गंगा में स्नान कर नए या फिर साफ कपड़े पहने जाते हैं. अगर आप गंगा में स्नान नहीं करते तो आप अपने शहर के किसी भी नदी में स्नान कर सकते है. वहीं इस दिन अगर आप बाहर निकलने में असमर्थ हैं तो आप पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. लेकिन कार्तिक पूर्णिमा का स्नान प्रात: काल ही करना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु की खास पूजा की जाती है. इसके साथ ही भगवान गणेश और शंकर की भी पूजा की जाती है. सुबह स्नान कर पूजा करने के बाद शाम को पुन: पूजा की जाती है और मंदिर से लेकर घर में भी दिए जलाए जाते हैं.

Dev Deepawali 2021: कब है देव दीपावली, क्या है मुहूर्त और धार्मिक महत्व

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