Dhanteras 2021: धनतेरस के दिन क्यों की जाती है कुबेर देव की पूजा? जानें शुभ मुहू्र्त
- धन हर्ष और सुख, समृद्धि देने की मान्यता वाला ये पर्व इस साल 2 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा. दीवाली से पहले देश भर में धनतेरस का त्योहार जोर शोर से मनाया जाता है.
दिवाली से पहले धनतेरस की तैयारियां जोर-शोर से शुरू होती हैं. धन हर्ष और सुख, समृद्धि देने की मान्यता वाला ये पर्व इस साल 2 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा. दीवाली से पहले देश भर में धनतेरस का त्योहार जोर शोर से मनाया जाता है. धनतेरस पर नए बर्तन या सोने, चांदी के आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है. लेकिन इन सब के साथ ही धन का मतलब सिर्फ पैसे से नहीं होता है. धन का मतलब और इसके बारे में जानना और समझना बेहद जरुरी है.
शास्त्रों में धन के पांच मतलब समझे गए हैं. 'धन' का अर्थ पहला 'ज्ञान' माना जाता है. जिसके बलबूते सारे विश्व को जीता जा सकता है. संस्कृत में ज्ञान के बारे में बताते हुए कहा गया है कि "व्यये कृते वर्धत एव नित्यम, विद्दा धनं सर्व धनम प्रधानम" जिसका अर्थ हैं कि ज्ञान को जितना अधिक दूसरों को बांटा जाता है उतना अधिक बढ़ता है.
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धन का दूसरा मतलब 'सदगुण' समझा गया है. जिसके लिए लिखा गया है कि "गुणा: सर्वत्र पूजयन्ते न महत्योअपि संपद:. पूर्णन्दु किं तथा वन्द्दो निष्कलंको यथा कश:।" इसके बारे में चाणक्य कहते हैं कि जैसे पूर्णिमा के दिन चांद को पूजा जाता है, वैसे ही सदगुणों वाला व्यक्ति भी हर जगह पूजा जाता है. धनतेरस तिथि और शुभ मुहूर्त
धनतेरस तिथि- 2 नवंबर 2021, मंगलवार
प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक.
वृषभ काल- शाम 06 बजकर 18 मिनट से शाम 08 बजकर 14 मिनट तक.
धनतेरस पूजन मुहूर्त- शाम 06 बजकर 18 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक.
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