बनारस गंगा घाट पर डीजल और पेट्रोल के धुंए से मिलेगी निजात, चलेंगी CNG बोट्स
- सीएनजी बोट चलने से प्रदूषण कम होगा, बोट चलाने वाले नाविकों को सब्सिडी मिलेगी, संचालन नवरात्रों से शुरू.

वाराणसी. मां गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए वाराणसी गंगा घाट किनारे सीएनजी बोट चलाने के लिए प्रशासन ने एक करोड़ का बजट जारी कर दिया है. बता दें कि सीएनजी बोट चलने से डीजल बोट के धुएं से होने वाला प्रदूषण कम होगा.
जानकारी के मुताबिक गैल इंडिया लिमिटेड के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड (सीएसआर) और जिला प्रशासन से सीएनजी बोट चलाने वाले नाविकों को सब्सिडी दी जाएगी. पहले चरण में करीब 2000 में से 200 को राजघाट से अस्सी घाट के मध्य चलाया जाएगा. सीएनजी बोट संचालन का अभ्यास नवरात्रों से शुरू कर दिया जाएगा. देश विदेश से 11 किलोमीटर में फैले अर्धचंद्राकार घाट को देखने विभिन्न सैलानी आते हैं.
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पिछले कुछ सालों में पर्यावरण के संतुलन को डीजल बोट से निकले धुएं ने बिगाड़ दिया है जिससे पर्यावरण विज्ञान शास्त्री परेशान हैं. सीएनजी इंजन का इस्तेमाल प्रदूषण कम करने के लिए पहले भी किया जा चुका है लेकिन नाविकों के विरोध के कारण योजना पूर्ण नहीं हुई. आपकको बता दें कि मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल की पहल पर जिला प्रशासन ने नाविकों से बात कर उन्हें सीएनजी बोट्स के लिए मना लिया है. जानकारो का मानना है कि एक ओर जहां सीएनजी नावों के संचालन से प्रदूषण कम होगा वहीं दूसरी ओर नाविकों की आय भी बढ़ेगी. पहले नगर निगम की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव लाया गया था. इसके तहत शुरुआत में 22 नावों को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया जाना था.
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