वाराणसी में विराजेंगे रामराज स्थापना के सहायक देवी देवता

Smart News Team, Last updated: Wed, 21st Oct 2020, 12:08 AM IST
  • धरती का देवलोक कहा जाने वाले काशी में एक ही मंदिर में रामराज स्थापना के सहायक रहे रामायण कालीन देवी देवताओं के दर्शन होंगे. भूमि पूजन और शिला पूजन भी विधि विधान से संपन्न हो गया है. जल्द ही मंदिर को अपना स्वरूप प्रदान करने का काम शुरू कर दिया गया है.
भगवान राम और सीता के अलावा रामराज के सब ही देवी देवताओं की प्रतिमा के साथ बनेगा मंदिर

वाराणसी. नामचीन उपन्यासकार एवं नाटककार मुंशी प्रेमचंद की जन्म स्थली लमही के सुभाष भवन के निकट स्थित विशाल भारत संस्थान एवं इंद्रेश आश्रम के संयुक्त तत्वाधान में नवरात्रि के पहले दिन नौ दिवसीय श्री हनुमान चालीसा महायज्ञ के बीच हुए भूमि पूजन एवं शिलालेख पूजन के बाद आयोजित दीक्षांत समारोह में बीएचयू के प्रोफेसर डा. राजीव कुमार श्रीवास्तव को वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ दीक्षा दी गई. इस दौरान उन्होंने कहा कि एक 1.5 करोड़ की लागत से रामराज स्थापना में सहायक देवी देवताओं का एक ही मंदिर में दर्शन हेतु मूर्ति स्थापना की जाएगी.

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उन्होंने बताया कि इस मंदिर में भगवान राम और सीता के अलावा भरत व उनकी पत्नी मांडवी, लक्ष्मण उनकी पत्नी उर्मिला, शत्रुघ्न उनकी पत्नी श्रुत्कीर्ति के अलावा भगवान राम के पिता दशरथ उनकी माता कौशल्या कैकेई सुमित्रा के साथी इंद्रेश्वर महादेव माता पार्वती गणेश भगवान कार्तिकेय भगवान नंदी केसरी अंजनी महर्षि वाल्मीकि सबरी पक्षीराज जटायु संपाती विभीषण सुषेण वैद्य त्रिजटा राजा जनक उनकी पत्नी सुनैना वानर राज सुग्रीव जामवंत नल नील अंगद सुमंत निषाद राज माता अहिल्या दत्तात्रेय गरुड़ गिलहरी वह दशानन की पत्नी मंदोदरी की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी.

इंद्रेश आश्रम के संस्थापक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने बताया कि आश्रम परिसर में बनने वाले इस मंदिर का भूमि पूजन एवं मूर्तियों के पूजन के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है. उन्होंने बताया कि निश्चित समय पर मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसे सभी समुदायों के भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा.

 

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