जन्माष्टमी के दिन बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

Anuradha Raj, Last updated: Wed, 25th Aug 2021, 9:36 AM IST
  • जन्माष्टमी का पर्व इस बार 30 अगस्त को पड़ रहा है. इस दिन श्रीकृष्ण भगवान के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि श्रीकृष्ण का आधी रात को जन्म हुआ था.
जन्माष्टमी 2021

 भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर साल जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के आठवें अवतार ने इस दिन जन्म लिया था. हिंदू धर्मं में जन्माष्टमी की बहुत ही मान्यता है. जन्माष्टमी का त्योहार इस बार सोमवार 30 अगस्त को मनाया जाएगा. ऐसी मान्यता है कि इस दिन आदी रात को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. यही कारण है कि रात के 12 बजे ही भक्त उनका जन्मोत्सव मनाते हैं. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि ग्रह नक्षत्रों का विशेष संयोग इस बार जन्माष्टमी के दिन बन रहा है. यही कारण है कि इस साल की जन्माष्टमी ग्रहों के विशेष संयोग के कारण बहुत खास मानी जाएगी.

बन रहे हैं ये विशेष संयोग

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म शास्त्रों के अनुसार रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. ऐसे में ज्योतिषाचार्यों का ये कहना है कि रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि इस साल जन्माष्टमी पर विद्यमान रहने वाली है. वृषभ राशि में इसके अलावा चंद्रमा भी संचार करेगा. जन्माष्टमी का महत्व इस दुर्लभ संयोग के कारण और भी ज्यादा बढ़ जाता है. ये कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा इस दिन सच्चे मन से जो भी करता है इसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.

ये है जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त

11 बजकर 25 मिनट से 29 अगस्त की रात से अष्टमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो 1 बजकर 59 मिनट तक 31 अगस्त की रात रहेगी. 30 अगस्त को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से रोहिणी नक्षत्र लगने वाला है, जो सुबह 9 बजकर 44 मिनट 31 अगस्त तक रहेगा.

ये है पूजा का अभिजीत मुहूर्त
 

30 अगस्त की सुबह 11 बजकर 56 मिनट से जन्माष्मटमी के दिन अभिजीत मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी जो देर रात 12 बजकर 47 मिनट तक रहने वाली है.

ये है जन्माष्टमी की पूजा-विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें. उसके बाद अपने घर के मंदिर को क्लीन करें, मंदिर में दीप जलाएं. जल से सभी देवी देवताओं का अभिषेक करें. इस दिन लड्डू गोपाल यानी भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा होती है. जल से लड्डू गोपाल का अभिषेक करें. लड्डू गोपाल को इस दिन झूले में बैठाएं.लड्डू गोपाल को धूले में झूलाएं. लड्डू गोपाल को अपनी इच्छा के अनुसार भोग लगाएं. भोग लगाने के समय ये ध्यान रखें कि सिर्फ सात्विक चीजें ही होनी चाहिए. पुत्र की तरह लड्डू गोपाल की सेवा करें. रात्रि के पूजा का इस दिन बहुत ही ज्यादा महत्व होता है, क्योंकि रात में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था.भगवान श्री कृष्ण की रात्रि में विशेष प्रकार से पूजा अर्चना करें. मिश्री, मेवा का लड्डू गोपाल को भोग लगाएं.आरती करें लड्डू गोपाल की. लड्डू गोपाल का इस दिन अधिक से अधिक ध्यान रखें. अधिक से अधिक लड्डू गोपाल की सेवा करें.

 

 

 

 

 

 

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