इस समय तक कर लें नाग पंचमी की पूजा, नाग देवता करेंगे आपके घर की सुरक्षा

Smart News Team, Last updated: Thu, 12th Aug 2021, 9:22 AM IST
  • 13 अगस्त यानी शुक्रवार को इस बार नागपंचमी मनाया जाएगा. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी विधि-विधान से नाग देवता ही पूजा अर्चना करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस दिन कुछ उपायों को अपनाकर काल सर्प दोष भी दूर किया जा सकता है.
नागपंचमी कब है

नागपंचमी का पर्व कल यानी 13 अगस्त दिन शुक्रवार को हस्त नक्षत्र और साध्य योग में मनाया जाने वाला है. नाग पंचमी का त्योहार सावन महीने में पड़ने वाली पंचमी को मनाया जाता है. वैसे तो सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. लेकिन भगवान शिव और विष्णु को नाग देवता बेहद ही प्रिय होते हैं. बता दें दोपहर एक बजकर 42 मिनट तक पंचमी तिथि रहने वाली है, ऐसे में इस मुहूर्त से पहले ही नाग पंचमी की पूजा करनी चाहिए. शाम 7 बजकर 58 मिनट तक इस दिन हस्त नक्षत्र और 6 बजकर 48 मिनट तक साध्य होग रहेगा. ये दोनों योग ही बेहद फलदायी माने जाते हैं. 

सर्प का स्थान तो भगवान शिव के गले में होता है. तो वहीं शेषनाग पर भगवान विष्णु विश्राम करते हुए नजर आते हैं. पाताल लोक के स्वामी के रूप में नाग देव को देखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि नागपंचमी के दिन जो भी विधि-विधान से पूजा करता है उस पर नाग देवता की कृपा बरसती है. इतना ही नहीं बल्कि नाग देवता घर की सुरक्षा भी करते हैं. नागपंचमी के दिन कुछ उपायों को अपनाकर कालसर्प योग को भी दूर किया जा सकता है.

काल सर्प दोष से चाहिए छुटकारा, तो नागपंचमी के दिन करें ये काम

नागपंचमी के दिन कई जगहों पर धान का लावा और दूध का प्रसाद चढ़ाने की प्रथा है. लोग नागपंचमी के दिन नाग का चित्र बनाते हैं उस पर लौटे या गिलास से दूध चढ़ाते हैं. साथ ही सुगंधित धूप जलाकर उनकी पूजा अर्चना करते हैं. अगर इस दिन नाग देवता के दर्शन हो जाए तो वो बेहद ही शुभ होता है. पौराणिक कथाओं पर गौर करें तो तक्षक नामक नाग को गरुण जी ने इस दिन अभयदान दिया था. उसी दौरान से नाग पंचमी के दिन नाग की पूजा होने लगी.

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें