Navratri 2021: नवरात्रि में माता दुर्गा को करना है प्रसन्न तो करें ये आरती

Anuradha Raj, Last updated: Sun, 19th Sep 2021, 8:18 PM IST
  •  हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. नौवों दिन नवरात्रि के समय माता दुर्गा के अलग-अलग रूपों की उपासना की जाती है. जो लोग विधि-विधान से इस दौरान पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
Navratri 2021

शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 7 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है. नवरात्रि में अब महज कुछ दिन ही बचे हैं, सारी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इस दौरान कई लोग पूरे नौ दिन का व्रत रखते हैं. तो कुछ लोग सिर्फ पहले और अष्टमी या नवमी को व्रत रखते हैं. नवरात्रि में दुर्गा माता के नौ स्वरुपों की अलग-अलग पूजा की जाती है. कहा जाता है जो लोग विधि-विधान से इस दौरान माता दुर्गा की पूजा करते हैं, उनके घर में सुख-समृद्धि आती है, और सभी दुखों का नाश हो जाता है. माता की पूजा के दौरान लोग अलग-अलग मंत्र, कथा और भजन करते हैं. लेकिन इन सबसे ज्यादा जरूरी माता की आरती होती है. अगर आरती नहीं की जाती तो पूजा अधूरी रह जाती है.

मां दुर्गा की आरती

जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।

तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥

मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।

उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।

रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥

केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।

सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।

कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥

शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।

धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।

बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥

भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।

मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।

श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥

श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।

कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥

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