सांस्कृतिक आयोजन कर मनाया जाएगा पद्मश्री सितारा देवी का जन्म शताब्दी वर्ष
- जानी मानी कथक नृत्य साम्राज्ञी पद्मश्री से सम्मानित सितारा देवी जन्म शताब्दी वर्ष पर देशभर में ही नहीं विदेशों में भी सांस्कृतिक आयोजन की तैयारी की जा रही है. सितारा देवी को कथक नृत्य को काशी की गलियों से निकाल कर विश्व पटल पर पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है.

वाराणसी: सितारा देवी की पुत्री वाह कथक नृत्यांगना जयंती माला मिश्रा ने सोमवार को प्रेस वार्ता आयोजित कर कहीं. उन्होंने बताया कि आज से तकरीबन 100 साल पहले नृत्य को संभ्रांत परिवार में अच्छा नहीं माना जाता था. उस दौर में मेरे नाना पंडित सुखदेव मिश्र ने मेरी मां सितारा देवी को नृत्य का प्रशिक्षण देना शुरू किया. तो उन्हें काशी के कबीरचौरा गली के लोगों का आक्रामक आक्रोश झेलना पड़ा. गली के लोगों ने मेरे नाना का मुंह काला कर गधे पर बैठाकर घुमाया था. इस दृश्य को देखकर मेरी मां का कलेजा फट गया था. उसी समय उन्होंने निर्णय लिया था कि अब वह कबीर चौरा गली में कभी नहीं आएंगी बल्कि कबीर चौरा गली के लोग ही उनके दरवाजे आएंगे.
कथक नृत्यांगना जयंती माला मिश्रा ने बताया कि बचपन में मेरी मां का नाम धन्नो देवी था. जब वह 12 साल की उम्र की थी तभी फिल्म इंडस्ट्री वाले उन्हें लेने आए थे. उसके बाद मेरी मां सितारा देवी ने 96 साल की उम्र तक कबीर चौरा गली की तरफ कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने बताया कि सितारा देवी की कथक नृत्य की संपूर्ण यात्रा पर फिल्म बनाने की तैयारी की जा रही है. इसमें सितारा देवी की भूमिका उनकी नातिन ऋषिका निभाएंगी. बताया कि फिल्म की पटकथा तैयार है.
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उन्होंने बताया कि पदम श्री विजेता कथक नृत्यांगना सितारा देवी की शताब्दी जन्मोत्सव के अवसर पर काशी के गंगा घाट पर तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव की तैयारी की जा रही है. इस आयोजन में मशहूर भजन गायक अनूप जलोटा. स्वर साम्राज्ञ अहमद हुसैन, मोहम्मद हुसैन समेत कई नामी-गिरामी कलाकार शरीक होंगे. नृत्यांगना जयंती माला मिश्रा ने बताया कि काशी के अलावा सितारा देवी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सांस्कृतिक आयोजन कराने की योजना बनाई गई है. जल्द ही इसको अंतिम रूप दे दिया जाएगा.
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