अब हाइड्रोलिक एग्ज़ीलेटर चैनेलाइजेशन से बस्तियों को बाढ़ से बचाने की तैयारी
वाराणसी: बरसात के मौसम में गंगा के किनारे बसी बस्तियों के लोगों के लिए बाढ़ की समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है. तमाम लोगों को बस्ती छोड़कर भी परिवार समेत पलायन करना पड़ता है. अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लोगों की इस समस्या का स्थाई हल निकालने के लिए कदम बढ़ा दिया है. शासन की ओर से हाइड्रॉलिक एक्जेवेटर के द्वारा चैनेलाइजेशन का कार्य शुरू कराया जाएगा.
फिलहाल काशी के सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित अस्सी घाट व सामने घाट के समीप बसी बस्तियों को बाढ़ मुक्त करने के लिए यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से ई निविदा आमंत्रित की गई है. प्रदेश सरकार के कंटोनमेंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव की अस्सी घाट व सामने घाट के बस्तियों को बाढ़ मुक्त कराने की पहल पर सिंचाई विभाग के तकनीकी विशेषज्ञों ने भौतिक सत्यापन कर लिया है. शासन को भेजे गए प्रस्ताव भी स्वीकृत हो गए हैं.
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प्रस्ताव में नगवा से टिकरी तक बंधा बनाना है. दूसरे प्रस्ताव में प्राथमिक राहत देते हुए जिन नालों से गंगा का पटेल प्रवाह होने पर आबादी पानी से लबालब हो जाती है, उनको बंद करना है. पहला प्रस्ताव तकरीबन एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का है. इससे जमीनी धरातल पर लाने के लिए तकनीकी दिक्कतें महसूस की जा रही है. क्योंकि मंगवा से टिकरी तक गंगा तट से जितनी दूर पर बंधा प्रस्तावित है वहां सैकड़ों मकान बन गई हैं. इससे पहले प्रस्ताव को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र की आबादी को बाढ़ से बचाने के लिए दूसरे प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसमें तकरीबन तीन करोड़ रुपए से सामने घाट के इलाके में ज्ञान प्रभा के पास से गंगा में गिर रहे बड़े नाले पर चैनल लगाना है तथा 80 नाला पर चैनल बनाने का कार्य होना है. तीसरा चैनल राजघाट के पास गंगा में गिर रहे नाले पर लगाया जाएगा.
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गंगा के तट पर स्थित अस्सी घाट सामने घाट पर पानी का दबाव कम करने के लिए हाइड्रॉलिक एक्जेवेटर द्वारा चैनेलाइजेशन का कार्य किया जाएगा. इसके इसके लिए शासन की ओर से ई. निविदा भी आमंत्रित कर दी गई है. यह नवधा पोर्टल पर 19 से 27 जनवरी को दोपहर 1:00 बजे तक डाउनलोड या अपलोड कर जमा करना सुनिश्चित किया गया है. उसी दिन यह निर्णय खोली जाएंगी.निविदा प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद चैनेलाइजेशन का कार्य शुरू किया जाएगा.
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