Puja Path: भगवान की साधना के लिए सही आसन पर बैठना जरूरी, जानें आसन से जुड़े नियम
- हिंदू मान्यता के अनुसार, पूजा-पाठ के समय जमीन पर बैठ कर पूजा नहीं करना चाहिए. उसी तरह अलग-अलग पूजा अनुष्ठान के लिए अलग-अलग तरह के आसन होते हैं. आसन से जुड़े नियमों के बारे में जानते हैं.
हिंदू धर्म में पूजा पाठ को लेकर कई नियम बनाए गए हैं. भगवान को प्रसन्न करने के लिए हर पूजा के अपने नियम हैं. इन नियमों के पालने से ही पूजा पूरी मानी जाती है. प्रत्येक देवी-देवताओं के लिए अलग फल, फूल, मंत्र, प्रसाद आदि अर्पित किए जाते हैं. मान्यता के अनुसार, पूजा-पाठ के समय जमीन पर बैठ कर पूजा नहीं करना चाहिए. उसी तरह अलग-अलग पूजा अनुष्ठान के लिए अलग-अलग तरह के आसन होते हैं. आसन से जुड़े नियमों के बारे में जानते हैं.
धार्मिक दृष्टि से पूजा का आसन हर किसी का अपना अलग होना चाहिए. कहते हैं कि एक व्यक्ति के पूजा करने के बाद दूसरे व्यक्ति को उसका आसन प्रयोग नहीं करना चाहिए. देवी-देवताओं के अनुरुप ही आसन का प्रयोग करना चाहिए. जमीन पर बैठकर आसन लगा लेने से दु:ख की प्राप्ति होती है. वहीं बांस से बने आसन से घर में दरिद्रता आती है और लकड़ी को आसन बनाकर बैठने पर दुर्भाग्य और तिनके को आसन के रूप में प्रयोग करने पर धन एवं यश की हानि होती है. इसलिए पूजा के लिए हमेशा सही आसन का चयन करें.
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पूजा करने के बाद पूजा के आसन को हमेशा उचित स्थान पर रखें. इधर-उधर कहीं भी रखकर उसका अनादर न करें. पूजा के आसन का प्रयोग सिर्फ पूजा के लिए ही करें और किसी काम के लिए नहीं करें. पूजा करने के बाद सीधा आसन से उठकर न जाएं, बल्कि आचमन से थोड़ा सा जल लेकर जमीन पर गिराएं और उस जल को मस्तक पर लगाने के बाद देवी-देवताओं को प्रणाम करें. इसके बाद आसन को स्थान पर रखें और पूजा स्थल से बाहर जाएं.
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