बनारस लोको वर्कशॉप में स्वदेशी तकनीक अपनाकर बनाए जाएंगे रेल इंजन

Smart News Team, Last updated: Wed, 13th Jan 2021, 4:52 PM IST
भारत बनाए जाने की कड़ी में अब केंद्र सरकार की ओर से बनारस के लोकोमोटिव रेल इंजन वर्कशॉप को जोड़ने की कवायद शुरू कर दी गई है. इस क्रम में वर्कशॉप में बनने वाले रेल इंजन के निर्माण में स्वदेशी तकनीकी के साथी स्वदेशी उत्पाद का प्रयोग करना तय किया गया है.
बनारस लोको वर्कशॉप में स्वदेशी तकनीक अपनाकर बनाए जाएंगे रेल इंजन

वाराणसी . बता दें कि काशी के लोकोमोटिव रेल इंजन वर्कशॉप की साल 2020-21 में वार्षिक खरीद 3000 करोड़ रुपए की रही है. साल 2019-20 में वर्कशॉप में रेल इंजन निर्माण को लेकर 1400 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. कौशल विकास की पहल के अंतर्गत वर्कशॉप की ओर से 521 स्थानीय युवाओं को अलग-अलग ट्रेडों में प्रशिक्षण भी निशुल्क दिया गया था. अब रेलवे बोर्ड की ओर से वर्कशॉप को 9000 हॉर्स पावर की क्षमता का मालवाहक रेल इंजन तैयार करने का आदेश प्राप्त हुआ है. अब जो मालवाहक इंजन तैयार किए जाएंगे उसमें टॉयलेट की भी सुविधा होगी.

शनिवार को महाप्रबंधक अंजली गोयल ने बताया कि वर्कशॉप में अब जो विद्युत रेल इंजन तैयार किए जा रहे हैं उनमें 98 फ़ीसदी तक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस कारण इसे आत्मनिर्भर भारत बनाने की कड़ी में शामिल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आगे से वर्कशॉप में जो भी रेल इंजन बनाए जाएंगे उन में प्रयोग किए जाने वाली सामग्री स्थानीय औद्योगिक इकाइयों से खरीद की जाएगी. इसका सीधा लाभ छोटी औद्योगिक इकाइयों को मिलेगा. महाप्रबंधक अंजली गोयल ने बताया कि हमारे जरूरत के उत्पादों को ऑफिशियल वेबसाइट पर बजट कर लो कल इंडस्ट्रीज वेंडर इच्छुक व्यक्ति देख सकते हैं.

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एमएसएमई क्षेत्र एवं घरेलू निर्माण को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से वेंडर डेवलपमेंट से जुड़ी प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाएगा. इसके अलावा वेबकास्ट के जरिए भी लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कोविड-19 संक्रमण काल में हमारा प्रयास है कि लोकल इंडस्ट्री को जोड़कर उन्हें विकसित कराएं इसके लिए जरूरत पड़ी तो हम उन्हें प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएंगे.

 

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