Ekadashi 2022: खास है फाल्गुन की ये एकादशी, एक साथ होती है कई देवी-देवता की पूजा

Pallawi Kumari, Last updated: Fri, 11th Mar 2022, 11:38 AM IST
  • सभी एकादशियों में फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली आमलकी या रंगभरी एकादशी को खास माना गया है. इस एकादशी में ना सिर्फ भगवान विष्णु बल्कि शिवजी और माता पार्वती के साथ आवंले की भी पूजा की जाती है. इस बार ये एकादशी 14 मार्च 2022 को पड़ रही है.
फाल्गुन शुक्ल रंगभरी एकादशी (फोटो-सोशल मीडिया)

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैसे तो हर माह दोनों पक्षों ( शुक्ल और कृष्ण) में दो एकादशी तिथि पड़ती है. लेकिन फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी या आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है. वैसे तो एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के लिए समर्पित होता है. लेकिन सभी एकादशियों में ये एकमात्र ऐसी एकादशी है जिसका संबंध भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती से है. पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव गौना के बाद पहली बार माता पार्वती को कैलाश लेकर आए थे.

इसलिए इस दिन शिवभक्त रंग अबीर उड़ाकर खुशियां मनाते हैं और माता पार्वती का स्वागत करते हैं. यही कारण है कि इस दिन को रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है. रंगभरी एकादशी के दिन आंवले पेड़ की पूजा का भी विधान है इसलिए इसे आमलकी एकादशी भी कहा जाता है.

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रंगभरी एकादशी पूजा विधि

एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनें. घर के मंदिर में दीपक जलाए इसके बाद हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें. पूरे दिन उपवास रहे. पूजा में श्री हरि विष्णु की पूजा करें. साथ ही माता पार्वती और भोलेनाथ की पूजा भी करें. इस दिन भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के बाद गुलाल अर्पित करें माता पर्वती का का पूरा श्रृंगार कर उनकी पूजा करें. पूजा में बेलपत्र, दूध, भांग, कनेर के फूल और फल जरूर चढ़ाएं. रंगभरी एकादशी के दिन शिव मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करना भी उत्तम होता है. साथ ही आंवले के पेड़ की पूजा करें. इस दिन आंवले का सेवन भी करना चाहिए.

रंगभरी एकादशी पूजा शुभ मुहूर्त-

फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि रविवार 13 मार्च सुबह 10:21 मिनट पर होगी और सोमवार14 मार्च दोपहर 12:05 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी. इसलिए उदयातिथि के अनुसार, रंगभरी एकादशी 14 मार्च को मनाई जाएगी. रंगभरी एकादशी पर पूजा के लिए दोपहर 12:07 मिनट से 12:54 मिनट तक का शुभ मुहूर्त रहेगा.

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