वाराणसी : जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली का सहयोग बनाती है षटतिला एकादशी
- षटतिला एकादशी पर व्रत रहकर भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा आराधना करने से जीवन में सुख शांति और समृद्धि का संयोग बनता है. इस दिन 6 प्रकार के तिल के लड्डू को श्री हरि विष्णु को समर्पित करने का विधान है.
वाराणसी : इस बार की मांग कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि 6 फरवरी यानी शनिवार की आधी रात के बाद 6:27 पर लगी है जो कि 7 फरवरी रविवार को 24:00 के बाद 4:48 तक रहेगी. षटतिला एकादशी का व्रत रविवार को रहेगा. षटतिला एकादशी की खास महिमा यह है कि इस दिन छह प्रकार के तिल के लड्डू बनाकर भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित करने से व्रतियों की मनोकामना पूरी होती है. उनके जीवन में खुशहाली आती है.
ज्योतिषाचार्य विमल जैन बताते हैं कि षटतिला एकादशी पर पूरे समय उपवास रखकर भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना करके उनसे सुख समृद्धि की कामना की जाती है. व्रत के विधान के बारे में जानकारी देते हुए ज्योतिष आचार्य विमल जैन ने बताया कि सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर गंगा स्नान करने के बाद अपने आराध्य देवी देवता की पूजा अर्चना के बाद षटतिला एकादशी के व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
CM योगी आज वाराणसी के अमीनी गांव से देश के पहले आदर्श ब्लॉक का लेंगे जायजा
दिन श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना के बाद उनकी महिमा में श्री हरि विष्णु सहस्त्रनाम श्री पुरुष सूक्तक तथा श्री विष्णु जी से संबंधित मंत्र ओम श्री विष्णवे नमः या ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस दिन तिल से बने पदार्थों का सेवन करना चाहिए. बताया कि षटतिला एकादशी के व्रत और भगवान श्री विष्णु की विशेष कृपा से सभी प्रकार के मनोरथ सफल होते हैं साथ ही जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली का संयोग बना रहता है.
अन्य खबरें
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने देश को लाल बहादुर शास्त्री जैसा दिया लाल
वाराणसी : ठंड के मौसम में टहलने से बचे सांस व दिल के मरीज
वाराणसी : अब गंगा को साफ करेगी आईआईटी बीएचयू की केमिकल तकनीक
तबले की बनारस बाज शैली को बुलंदियों तक पहुंचाने के सूत्रधार रहे पं. बिरजू महाराज