साढ़े नौ करोड़ की लागत से बनकर शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान तैयार

Smart News Team, Last updated: Thu, 3rd Dec 2020, 1:26 PM IST
  • जानकारी के अनुसार जनवरी 2021 में इसके लोकार्पण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने की भी सुगबुगाहट है.
फाइल फोटो

वाराणसी. नालंदा संस्कृति की तर्ज पर पाठ्यक्रम तैयार करने वाला देश का इकलौता शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र साढ़े नौ करोड़ की लागत से बनकर लगभग तैयार हो चुका है. केंद्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान, सारनाथ में टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण कार्य 90 फीसद तक पूरा हो चुका है. 15 दिसंबर तक तैयार भवन को संस्थान के सुपुर्द कर दिया जाएगा. वहीं जानकारी के अनुसार जनवरी 2021 में इसके लोकार्पण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने की भी सुगबुगाहट है. बताया गया कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा देव दीपावली पर सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर परिसर में लाइट एंड साउंड शो के बाद संस्थान निदेशक प्रो. नवांग समतेन से बातचीत में यहाँ आने के संकेत मिले हैं.

टीचर ट्रेनिंग सेंटर के नवनिर्मित भवन में क्लास रूम, टीचर व स्टाफ रूम के अलावा लैंग्वेज लैब भी बनाया गया है जो इसका सबसे महत्वपूर्ण कक्ष है. यहॉं पर प्रशिक्षणरत शिक्षकों के प्रशिक्षण की अवधि एक से तीन सप्ताह तक की होगी. खास बात यह और है कि नालंदा संस्कृति व परंपरा को पुन: प्रतिष्ठित करने के लिए यहां के कोर्स में मनोवैज्ञानिक पहलुओं को समाहित किया गया है. तर्क, विश्लेषण और सृजनात्मकता के साथ शिक्षकों को भविष्य के भारत का निर्माण करने के लिए तैयार किया जाएगा.

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सेंटर के बारे में जानकारी देते हुए निदेशक डा. हिमांशु पांडेय ने कहा कि वर्ष 2018 में शिक्षा मंत्रालय से इस प्रोजेक्ट हेतु साढ़े नौ करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त हुई थी. भवन का निर्माण कार्य 2019 से शुरू कर दिया गया. उन्होंने बताया कि नालंदा संस्कृति की तर्ज पर पाठ्यक्रम तैयार करने वाला अपनी तरह का यह देश का इकलौता केंद्र होगा जहां प्राइमरी से लेकर कालेज, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय तक के शिक्षकों को शारीरिक, मानसिक व मनोवैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा. इस सेंटर के पाठ्यक्रम की तारीफ यूजीसी ने भी की है.नई शिक्षा नीति में भी इसे महत्वपूर्ण मान अन्य केंद्रों पर लागू करने की सिफारिश की जा चुकी है.

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