इलेक्ट्रॉनिक तराजू रीसेट विकल्प को डीएक्टिवेट करने की सूचना से नाराज है व्यापारी

Smart News Team, Last updated: Wed, 16th Dec 2020, 11:56 PM IST
  • इलेक्ट्रॉनिक तराजू में रीसेट विकल्प की बटन को डीएक्टिवेट कर सील करने के सरकारी आदेश से वाराणसी जिले का व्यापारी वर्ग नाराज है. व्यापारिक संगठनों ने उक्त आदेश को वापस लिए जाने की मांग की है.
इलेक्ट्रॉनिक तराजू में रीसेट विकल्प की बटन को डीएक्टिवेट कर सील करने से व्यापारी वर्ग नाराज है

वाराणसी . बता दें कि पिछले दिनों विवेक महाविज्ञान यानी बाट माप विभाग ने गत 4 नवंबर को इलेक्ट्रॉनों वेटिंग मशीन यानी तराजू के रीसेट बटन को निष्क्रिय कर उसे सील करने की अधिसूचना जारी की है. विभाग का मानना है कि रीसेट बटन के माध्यम से घटतौली की संभावना रहती है. विविध माप विज्ञान संस्थान द्वारा उक्त सूचना में बाट माप विभाग को आदेशित किया गया है कि सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक तराजू मशीनों के कैलिब्रेशन सत्यापन की प्रक्रिया के प्रमाण पत्र देते वक्त इन सभी मशीनों को विभाग में लाया जाना अनिवार्य होगा. साथ ही प्रमाण पत्र देने से पहले रीसेट बटन को निष्क्रिय कर सील करने की प्रक्रिया भी पूरी की जाए बाद इसके ही सत्यापन प्रमाण पत्र संबंधित व्यापारी को निर्गत किया जाए.

सरकार के इस तुगलकी फरमान के संबंध में प्रदेश स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह के साथ ही संगठन के राजीव वर्मा अरविंद कुमार सिंह का कहना है कि हमारे व्यापार में काफी उच्च कोटि की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का प्रयोग किया जाता है. क्योंकि सोना चांदी का व्यापार विश्वास से जुड़ा हुआ है. 

सोलर प्लांट से हर साल 20 लाख रुपए की बचत कर रहा कैंट रेलवे स्टेशन

अगर इन इलेक्ट्रॉनिक तराजू ओं को उठाकर विभाग में ले जाया गया तो उनमें त्रुटि होने की भी बहुत ज्यादा संभावना रहेगी हॉर्स इलेक्ट्रॉनिक तराजू के रीसेट बटन को निष्क्रिय कर दिया गया तो हमारे ग्राहकों से संबंध भी गड़बड़ आने की गुंजाइश रहेगी सर्राफा संघ के व्यापारियों ने सरकार से इस फैसले को वापस लिए जाने की मांग की है.वही वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने भी विभाग से ग्राहक और व्यापारी के नाजुक संबंधों को ध्यान में रखते हुए इस अधिसूचना को वापस लिए जाने की मांग की है.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें