वाराणसी: मंडुआडीह से बनारस नाम बदला तो अब शुरू हो गया यह काम
- स्टेशन में स्वच्छता के प्रति बहुत सजगता बरती जा रही है. साफ सफाई के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्टेशन के यात्री हाल में बच्चों द्वारा नुक्कड़ नाटक का मंचन भी किया जा रहा है.
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वाराणसी: पूर्वोत्तर रेलवे के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बनारस पड़ते ही अब स्टेशन के दिन बहुरने लगे हैं. अब स्टेशन में पानी व कोल्ड ड्रिंक की प्लास्टिक की बोतलें आदि देखने को नहीं मिलेंगीं. इन प्लास्टिक बोतलों के कचरे को सामाजिक संस्था रोटरी क्लब उदय द्वारा रिसाइकिल किया जाएगा. गांधी जयंती के उपलक्ष्य में संस्था ने मंडुवाडीह स्टेशन पर रोट्रैक्ट प्लास्टिक रिसाईकलर वैन भी लगा दिया है. स्टेशन से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे को वैन कचरा वेस्ट प्लांट तक पहुंचाएगी.
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पिछले माह ही मंडुवाडीह स्टेशन का नामकरण बनारस कर दिया गया है. सूत्रों के अनुसार इस अपने संसदीय क्षेत्र के इस स्टेशन का लोकार्पण भी पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा सकता है. मंडुवाडीह स्टेशन से नई दिल्ली के लिए प्रमुख ट्रेन शिवगंगा एक्सप्रेस, झांसी, एमपी ग्वालियर के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस सहित आधा दर्जन ट्रेनों का इस कोरोना काल में संचालन हो रहा है. यहाँ पर बीएसबीएस कोड भी जनरेट हो गया है. जिसका शुभारंभ होना अभी बाकी है. स्टेशन में स्वच्छता के प्रति बहुत सजगता बरती जा रही है. साफ सफाई के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्टेशन के यात्री हाल में बच्चों द्वारा नुक्कड़ नाटक का मंचन भी किया जा रहा है.
पीआरओ अशोक कुमार ने बताया कि स्वच्छता को लेकर आयोजित स्वच्छता पखवाड़ा में मंडुवाडीह स्टेशन की सफाई व्यवस्था को पूरे मंडल में बी श्रेणी मिला है.
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