वाराणसी: स्कूलों में एसएमसी गठन की कार्यवाही शुरू,यह होगी शर्तें

Smart News Team, Last updated: Thu, 10th Dec 2020, 10:01 PM IST
  • बीएसए राकेश सिंह ने इस संबंध में सभी स्कूलों में कोरोना नियमों का पालन कर बैठक बुलाने का निर्देश दिया है.बैठक में कम से कम 50 फीसद अभिभावकों की उपस्थिति ज़रूरी है. इसके लिए उन्हें माता-पिता व अभिभावकों का हस्ताक्षर या अंगूठा का निशान भी रजिस्टर पर दर्ज करना होगा.
फाइल फोटो

वाराणसी . गैर अनुदानित छोड़कर सभी विद्यालयों की प्रबंध समिति का नए सिरे से गठन किया जाएगा. शासन से इसको 14 दिसम्बर तक पूरा कराने के निर्देश हैं. एसएमसी गठन हेतु विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों की खुली बैठक बुलाने कर समिति का नियमानुसार गठन किया जाएगा. बैठक में कम से कम 50 फीसद अभिभावकों की उपस्थिति ज़रूरी है. इसके लिए उन्हें माता-पिता व अभिभावकों का हस्ताक्षर या अंगूठा का निशान भी रजिस्टर पर दर्ज करना होगा. कोरम पूरा करने का दायित्व हेडमास्टरों का होगा और हेड मास्टर समिति का सचिव होगा. इसके अतिरिक्त तीन और नामित सदस्य होंगे जिसमें लेखपाल, एएनएम व ग्राम पंचायत सदस्य होंगे.

विद्यालय प्रबंध समिति के गठन का मुख्य उद्देश्य विद्यालय के सौन्दर्यीकरण, बच्चों के नामांकन के अलावा शिक्षा की गुणवत्ता सहित अन्य में अभिभावकों को जोड़ना है.इसके साथ ही समिति विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे बच्चों के लिए मुफ्त ड्रेस, स्वेटर, पाठ्यपुस्तक, मिड-डे-मिल सहित तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं पर भी नजर और हस्तक्षेप रखती है. एसएमसी के नाम से हेड व समिति के अध्यक्ष का संयुक्त खाता होता है. जिसमें विद्यालय विकास योजना व कंपोजिट ग्रांट संबंधी धनराशि का हस्तांतरण होता है.

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बीएसए राकेश सिंह ने इस संबंध में सभी स्कूलों में कोरोना नियमों का पालन कर बैठक बुलाने का निर्देश दिया है. शासन से प्राप्त निर्देशानुसार विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों को ही सदस्य बनने के पात्र होंगे. चयनित सदस्यों में से एक अध्यक्ष व एक उपाध्यक्ष का भी चयन किया जायेगा. समिति में 50 फीसद महिलाओं का होना भी अनिवार्य है और इसके अलावा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष में एक महिला होंगी. अन्य सदस्यों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा कमजोर वर्ग के बच्चों के अभिभावक भी अनिवार्य रूप से सदस्य बनाये जाएंगे.

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