वाराणसी: इस टेक्नोलॉजी से मजबूत और टिकाऊ बनेंगी वाराणसी के गाँवों की सड़कें
- जल्दी सड़क खराब हो जाने की वजह से आमजन को हो रही दिक्कतों को देखते कुल पाँच सड़कों पर नैनों टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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वाराणसी: सामान्य सड़कों की अपेक्षा मजबूत और टिकाऊ सड़क के लिए प्रयोग की जाने वाली नैनो और वेस्ट प्लास्टिक टेक्नोलॉजी से वाराणसी की पाँच सड़कों का निर्माण कराया जाएगा. यह सड़क बारिश और जलभराव में जल्दी बदहाल नहीं होंगी. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत बनने वाले गाँव के संपर्क मार्गों में लोक निर्माण विभाग ने फिलहाल तीन सड़कों को नैनो टेक्नोलॉजी और दो सड़कों को वेस्ट प्लास्टिक टेक्नोलॉजी के प्रयोग करने का फैसला लिया है. यदि यह प्रयोग सफल रहा तो आगे अन्य सड़कों पर भी यही टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जाएगी.
आमतौर पर बनने वाली सड़कों में बारिश व जलभराव होने के बाद जलनिकासी न होने से बहुत जल्दी खराबी आ जाती हैं. आधुनिक तकनीक से बनने वाली यह सड़क अलग तरीके से बनाई जाती हैं. इसमें तारकोल, गिट्टी समेत अन्य मैटेरियल के साथ प्लास्टिक का भी इस्तेमाल किया जाता है. इस वजह से बारिश या लोगों के घरों का पानी सड़क में घुस नहीं पाता और जिस दिशा में ढाल होगी उधर चला जाता है और ज्यादा पानी लगने पर भी सड़क जल्द खराब नहीं होती.
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इस योजना से फिलहाल रमसीपुर से नवापुरा वाया पंडितपुर, मिश्रपुर तक तीन किलोमीटर, अकेलवा से मोहनसराय होते हुए करसड़ा तक 3.06 किलोमीटर 22.03 लाख - अकेलवा से मोहनसराय, गंजारी हरतोस से अदलपुरा तक तीन किलोमीटर- एसएच- एसएच 73 किमी 17 से तेवर, पलही पट्टी तक 6.35 किलोमीटर व एसएच- 53 किमी.14 से आयर बाजार तक चार किलोमीटर सड़कों का चयन किया गया है.
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