वाराणसी में कम हो रहा गंगा का जलस्तर, तटवर्ती इलाकों ने ली राहत की सांस

Smart News Team, Last updated: Thu, 27th Aug 2020, 2:06 PM IST
  • वाराणसी में ढाई सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे पर आ गया है, बुधवार को गांगा का पानी दशाश्वमेध घाट पर स्थित शीतला माता मंदिर तक पहुंच गया था
प्रतीकात्मक तस्वीर 

वाराणसी : बुधवार को वाराणसी में ढाई सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर अब एक सेंटीमीटर प्रति घंटे पर आ गया है. इससे तटवर्ती इलाकों में रहने वालों के साथ ही नाविकों ने भी राहत की सांस ली है. बुधवार को गांगा का पानी दशाश्वमेध घाट पर स्थित अति प्राचीन शीतला माता मंदिर तक पहुंच गया था.

वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा परेशानी वरुणा किनारे रहने वालों को होती है. बुधवार की रात करीब 11 बजे गंगा के मां शीतला मंदिर में प्रवेश करते ही वरुणा का पलट प्रवाह भी तेज हो गया था. इससे तटवर्ती इलाकों के लोगों ने अपना सामान बांधना शुरू कर दिया था. इसी बीच गुरुवार सुबह से गंगा के जलस्तर में बढ़ाव की रफ्तार कम होने से राहत मिली है. बुधवार की रात आठ बजे गंगा का जलस्तर जहां 66.03 मीटर पर था वहीं, गुरुवार की सुबह आठ बजे 66.15 मीटर पहुंचा था. वाराणसी में चेतावनी बिंदु 70.26 और खतरे का निशान 71.26 मीटर पर है.

इससे पहले बुधवार को जलस्तर के लगातार बढ़ने से राजघाट से अस्सी के बीच गंगा के सभी पक्के घाटों का संपर्क पूरी तरह टूट गया था. वहीं, मणिकर्णिका घाट पर शवदाह स्थल का 80 फीसदी निचला हिस्सा पानी में समा चुका है. हरिश्चंद्र घाट पर एकमात्र छोटा प्लेटफार्म ही शवदाह के लिए बचा है. इस घाट पर गंगा किनारे करीब एक मंजिल की ऊंचाई पर स्थित श्मशानेश्वर महादेव के शिवलिंग को गंगा का जल स्पर्श करने लगा है. दशाश्वमेध घाट पर माता शीतला के मंदिर के प्रवेश द्वार की एक सीढ़ी पानी में डूब चुकी है. सभी प्रमुख घाटों पर नाविकों ने निगरानी बढ़ा दी है.

 

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