कब है कजरी तीज, यहां जानें पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

Smart News Team, Last updated: Tue, 17th Aug 2021, 8:06 AM IST
  • हरियाली तीज के बाद अब कजरी तीज आने वाला है. कजरी तीज व्रत भी महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. कजरी तीज को ही बूढ़ी तीज और सातूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है.
कजरी तीज का महत्व

25 अगस्त 2021 को इस बार पंचांग के अनुसार कजरी तीज पड़ने वाला है. मालूम हो भादो मास यानि भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का पर्व मनाया जाता है. इस तिथि को सिर्फ कजरी तीज के नाम से ही नहीं बल्कि बूढ़ी तीज, सातूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है. विशेष तौर पर कजरी तीज का व्रत राजस्था, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों की महिलाएं रखती हैं. ये व्रत महिलाओं को समर्पित होता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रख अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. 

ये है कजरी तीज का महत्व

 

कजरी तीज को एक खुशहाल जीवन का प्रतीक माना जाता है. व्रत रखकर इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सफलता के लिए भगवान से अराधना करती हैं. पूरे साल महिलाओं को बेसब्री से इस व्रत का इंतजार रहता है. जो महिलाएं विधि-विधान से इस व्रत को रखती हैं, भगवान उनकी सभी मनोकामनाएंपूर्ण करते हैं. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बहुत ही सावधानी के साथ की जाती है.

कजरी तीज पर बनने वाले हैं ये विशेष योग

 

पंचांग पर गौर करें तो विशेष प्रकार का संयोग बनने वाला है कजरी तीज पर. प्रात: 5 बजकर 57 मिनट तक इस साल भाद्रपद मास की तृतीया तिथि पर धृति योग का निर्माण होने वाला है. इस योग को नए कार्य करने के अनुसार बेहद ही शुभ माना जाता है. 

ये है कजरी तीज का शुभ मुहूर्त

 

24 अगस्त 2021 शाम 4 बजकर 5 मिनट से तृतीया तिथि प्रारंभ है. तो वहीं 25 अगस्त 2021 शाम 4 बजकर 18 मिनट तक तृतीया तिथि समाप्त हो जाएगी.

 

ये है कजरी तिथि की पूजा विधि

 

सुबह उठकर कजरी तीज के दिन स्नान आदि करें और पूजा और व्रत का संकल्प लें. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजा की करें. साथ ही सुहाग से जुड़ी चीजें माता गौर पर चढ़ाएं. तो वहीं भगवान शिवो पर उनके प्रिए चीजों को चढ़ाना ना भूलें. शिव-गौरी की कथा का इसके बाद पाठ करें और आरती भी गाएं. गाय की भी पूजा करना इस दिन ना भूलें.

 

 

 

 

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