कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से अब बेमौसम की सब्जियां उगाकर मालामाल बनेंगे किसान

Smart News Team, Last updated: Wed, 13th Jan 2021, 5:00 PM IST
उन्नत बीज और जैविक खाद का प्रयोग करके किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक आगे निकल कर आए हैं. इस क्रम में केंद्र के वैज्ञानिकों ने बेमौसम की सब्जियों की खेती कर बाजार से अच्छा लाभ के के साथ किसानों की आमदनी में इजाफा करने का निर्णय लिया है.
कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से अब बेमौसम की सब्जियां उगाकर मालामाल बनेंगे किसान

वाराणसी . बेमौसम की सब्जियां उगाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र पाली ने निकटवर्ती गांव कल्लीपुर के केंद्र में पाली हाउस व नेट हाउस तैयार किया है. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ संजीत कुमार बताते हैं कि केंद्र के परिसर में तकरीबन 10 बिस्वा भूमि पर पाली हाउस सेठ और एक नेट हाउस का निर्माण कराया गया है. उन्होंने बताया कि पाली हाउस में 15 जनवरी से पॉलीथिन में लौकी करेला तोरई समेत बेमौसम की अन्य सब्जियों की नर्सरी तैयार की जाएगी. उन्होंने बताया कि केंद्र में ही सब्जियों के पौधों को भी तैयार किया जाएगा.

वैज्ञानिक डॉ संजीत कुमार बताते हैं कि फिलहाल केंद्र की ओर से टमाटर मिर्च व शिमला मिर्च के पौधे तैयार किए जाने पर काम शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इन पौधों को सिंचित करने के लिए टपक व फव्वारा विधि अपनाई जा रही है. पूरी फसल तैयार करने में जैविक खाद का प्रयोग किया जाएगा.वही उद्यान वैज्ञानिक डॉ विनोद सिंह व शस्य वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र प्रताप ने बताया कि पाली हाउस में पौधों पर बारिश का तापमान का असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इसमें तापमान नियंत्रण सिस्टम लगाया गया है.

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सेड में तैयार होने वाली बेमौसम सब्जियों की नर्सरी से किसानों का एक माह का समय बचेगा. सेड मैं बरसात के मौसम में ही खरीफ फसल प्याज की नर्सरी का भी उत्पादन होगा. इसके अलावा भिंडी बैंगन मिर्चा आदि बेमौसम की सब्जियों को भी तैयार किया जाएगा. पाली हाउस में तैयार सब्जियों के पौधों को सरकारी दर पर किसानों को बिक्री किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बेमौसम की सब्जियों की पैदावार करने के लिए किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा साथ ही प्रशिक्षण लेने वाले किसानों को इन सब्जियों की पौध को निशुल्क प्रदान किया जाएगा.

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