वाराणसी : स्मृति ईरानी ने कहा राहुल कर रहे राजनीति कांग्रेस ने दिखाए काले झंडे

Smart News Team, Last updated: 04/10/2020 08:41 AM IST
केंद्रीय महिला व बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि राहुल गांधी को न्याय से कोई मतलब नहीं है। वह सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए हाथरस की यात्रा कर रहे हैं। केंद्रीय कपड़ा मंत्री शनिवार को वाराणसी के मीडिया से मुखातिब थी। मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि नियमानुसार राज्यों के केंद्र राज्यों के मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है। मगर हाथरस मामले की गंभीरता को देखते हुए मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संपर्क किया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि एसआईटी की रिपोर्ट आते ही दोषियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया जायेगा। स्मृति ईरानी को वाराणसी पहुंचने के बाद समाजवादी व कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ा। सर्किट हाउस में जिस वक्त वह मीटिंग कर रही थी उस दौरान सर्किट हाउस के मुख्य द्वार पर सपा कार्यकर्ता चूड़ी लेकर उनके विरोध में बैठ गए। मीटिंग से निकलने के बाद रास्ते में कांग्रेसियों के एक दल ने उनकी गाड़ी रोककर काले झंडे दिखाए। कांग्रेसी उनके विरोध में नारे लगा रहे थे और मांग कर रहे थे कि स्मृति ईरानी तत्काल वाराणसी से वापस चले जाएं। विरोध करने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बाद में जिन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।  वाराणसी में शनिवार को कोरोना से तीन और बुजुर्गों की मौत हो गई। मरने वालों में दो बीएचयू में तथा एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। इन तीनों की ही उम्र 64 से 74 वर्ष की थी। इसी के साथ बनारस में कोरोना से मरने वालों की संख्या 327 पहुंच गई है। वहीं शनिवार को आई जांच रिपोर्ट में 143 नए पॉजिटिव केस मिले। वाराणसी में अब तक 13941 संक्रमित हो चुके हैं। जिसमें से 12065 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।  फर्जी कागजात के सहारे असलम का नवीनीकरण कराने वाले मुख्तार के करीब मेराज ने शनिवार को नाटकीय अंदाज में सरेंडर कर दिया। जैतपुरा थाना अंतर्गत सरैयां पुलिस चौकी पर वह अपने समर्थकों के साथ वीडियोग्राफी कराते हुए पहुंचा। उसने एक-एक पल के वीडियो रिकॉर्डिंग कराई और इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। फर्जीवाड़ा खुलने पर पुलिस ने उसके 8 असलहे जप्त कर लिए हैं। साथ ही फर्जी कागजात तैयार कराने वाले गिरोह को भी चिन्हित किया गया है। इस गिरोह में शामिल कर्मचारियों की जांच अलग से कराई जाएगी।  काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ओबीसी कोटे से 203 शिक्षकों का पद समाप्त कर देने के मामले में पिछड़ा वर्ग आयोग ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर से जवाब तलब किया है. आयोग ने उन्हें 3 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो आयोग उनके खिलाफ विधिक कार्यवाही भी कर सकता है। आयोग को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि प्रोफेसर के 36, एसोसिएट प्रोफेसर के 93 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 74 पदों बीएचयू ने बिना किसी कारण बताए समाप्त कर दिए।   

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